बाईस गज के कैनवास पर 163 ग्राम की लाल गेंद से कलाई के जादू के रंग बिखेरने वाले बिरले क्रिकेटर थे शेन वॉर्न। लगभग दम तोड़ती लेग स्पिन गेंदबाजी में जान फूंकने वाले इस महान स्पिनर ने अपनी कला का ऐसा जलवा बिखेरा कि पूरी दुनिया ने उन्हें दाद दी। महज 52 वर्ष की उम्र में दुनिया से विदा लेने वाले वॉर्न क्रिकेटर नहीं बल्कि एक कलाकार थे। एक ऐसे जादूगर जिनके करिश्मे की एक पूरी पीढी कायल रही और आने वाली कई पीढियां भी रहेंगी। जब वॉर्न के हाथ में गेंद होती थी तो माइक गैटिंग चकमा खा जाते थे, डेरिल कुलीनन को समझ में नहीं आता था कि उसे कैसे खेलें और हर्शल गिब्स भी किंकर्तव्यविमूढ नजर आते थे। चार मार्च को कलाई का यह जादूगर चला गया लेकिन फनकारों के फन की तरह उनकी जिंदगी भी अप्रत्याशित होती है। कभी बेहद खूबसूरत तो अगले ही पल बेहद क्रूर। लेग स्पिन हर किसी के बस की बात नहीं और इससे प्यार करना तो और भी मुश्किल है। रिची बेनो ने साठ के दशक में इसका कमाल दिखाया तो अब्दुल कादिर ने उसके बाद इससे खूब मनोरंजन किया।