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यूक्रेन में बंकर में छिप कर छात्र ने बचाई जान , पहुंचा अपने वतन

सीतापुर/सिधौली (जियाउल हक)

रूस और यूक्रेन में छिड़े युद्ध के बीच फंसे भारतीय छात्र और उनके परिजन एक दूसरे के बारे में सोच कर परेशान रह रहे हैं। उत्तरप्रदेश के सीतापुर जनपद के सिधौली कस्बे के निकट गड़िया हसनपुर के निवासी शफी अहमद खान के पुत्र फैज खान भी यूक्रेन में फंसे हुए थे जो अब सकुशल घर वापस लौट आए हैं। उन्होंने बताया कि हंगरी से दिल्ली तक भारत सरकार द्वारा उन्हें लाया गया था। उसके बाद अपने परिजनों से मिलने की खुशी में सरकारी इंतजाम का इंतजार न करते हुए अपने खर्चे पर लखनऊ तक फ्लाइट से आए जहां से उनके सिधौली निवासी मित्र आशी बग्गा ने मिलकर उनका स्वागत किया और कार से गड़िया हसनपुर लेकर पहुंचे। 



घर पर पिता शफी अहमद खान, मां महजबीं,भाई सैफ खान, बहने मुमताज,आफरीन,सायबा,हुमूल व शिफा खान से मिलकर खुशी का इजहार किया। उन्होंने आकर अपने गांव की बिलाल मस्जिद में नमाज अता कर ईश्वर को धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि हालात बेहद खराब थे उसके बावजूद अब्बू अम्मी की दुआएं थी जो मैं आज सकुशल हूँ। उन्होंने भारत सरकार का भी आभार व्यक्त किया। पिता शफी अहमद खान ने कहा कि फैज चार वर्ष बाद घर लौटे हैं और युद्ध के हालातों में संघर्ष के बाद जब लौटे हैं तो अपार प्रसन्नता है। फैज ने बताया कि 26 फरवरी को फ्लाइट बुक थी लेकिन वो आ नहीं सके थे। युद्ध के हालातों के चलते उन्हें बंकर में शरण लेनी पड़ी। लेकिन ईश्वर का शुक्र है कि वे सकुशल अपने वतन वापस परिजनों  के पास लौटे।

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