सेवता, हरगांव, लहरपुर, मिश्रिख के विधायकों को दोबारा टिकट दिया गया, जबकि महमूदाबाद में हारे हुए प्रत्याशी को फिर से टिकट मिला है। दरअसल, आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही भाजपा में टिकट को लेकर हाय तौबा मची हुई थी।
चुनाव की रणभेरी बजने के साथ ही भाजपा में प्रत्याशियों को टिकट देने को लेकर चल रही अटकलों पर आखिरकार शुक्रवार की शाम को विराम लग गया। पार्टी की ओर से जारी की गई सूची में पुराने चेहरों पर नया दांव खेला गया है। फिर से उम्मीदों का कमल खिलाने के लिए पार्टी ने चार सिटिंग विधायकों पर भरोसा जताया है। सेवता, हरगांव, लहरपुर, मिश्रिख के विधायकों को दोबारा टिकट दिया गया, जबकि महमूदाबाद में हारे हुए प्रत्याशी को फिर से टिकट मिला है। दरअसल, आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही भाजपा में टिकट को लेकर हाय तौबा मची हुई थी। 2017 के चुनाव में जीते विधायक जहां इस बार भी टिकट बचाने में लगे थे, वहीं उनके विधानसभा क्षेत्रों से कई और दावेदार भी लगे हुए थे। हालांकि, अधिसूचना लगने के बाद टिकट को लेकर सरगर्मियां और बढ़ गई थीं। पिछले कई दिनों से टिकट को लेकर सभी की नजरें लगी हुई थीं। टिकट देने को लेकर दिल्ली में पार्टी की चल रही बैठकों पर भी लोगों ने नजरें गड़ा रखी थीं। दो दिनों से चर्चाएं और तेज हो गई थीं। आज-कल में ही टिकट फाइनल करने को लेकर कयास चल रहे थे, लेकिन शुक्रवार की शाम को अचानक पार्टी की ओर से जारी की गई सूची सामने आई। इसके बाद हरगांव, सेवता, लहरपुर, मिश्रिख और महमूदाबाद में टिकट को लेकर चल रही अटकलों और कयासों पर विराम लग गया है। भाजपा जिलाध्यक्ष अचिन मेहरोत्रा ने बताया कि पार्टी ने हरगांव विधायक सुरेश राही, लहरपुर विधायक सुनील वर्मा, सेवता विधायक ज्ञान तिवारी, मिश्रिख विधायक रामकृष्ण भार्गव को दोबारा से टिकट दिया है। इसके अलावा महमूदाबाद में 2017 के चुनाव में मोदी लहर में सपा विधायक नरेंद्र सिंह वर्मा से हारीं भाजपा प्रत्याशी आशा मौर्या को टिकट देकर फिर से जीत का दांव खेला है।
किसको लेकर क्या चल रही थीं अटकलें-
पांच साल तक सत्ता में रहने वाले जिले के विधायकों को इस बार टिकट देने को लेकर अलग-अलग तरह की अटकलें चल रही थीं। सेवता विधायक ज्ञान तिवारी की बात करें तो उनका टिकट पहले से ही तय माना जा रहा था। पुराने भाजपाई होने की वजह से ऐसी उम्मीदें थीं। पार्टी ने उसी उम्मीद को लेकर ज्ञान तिवारी को दोबारा सेवता से टिकट दिया है। लहरपुर विधायक सुनील का भी टिकट को लेकर रास्ता साफ माना जा रहा था, लेकिन निर्मल वर्मा के भाजपा में आने के बाद चल रहीं अटकलों पर अब इस सीट को लेकर विराम लग गया है। हरगांव विधायक सुरेश राही का भी टिकट फाइनल ही माना जा रहा था। रामहेत भारती के सपा में जाने के बाद रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया था। मिश्रिख विधायक के टिकट को लेकर चर्चाएं थीं कि वह अपने बेटे के लिए प्रयासरत हैं, लेकिन पार्टी ने उन्हें ही टिकट दिया। वहीं, महमूदाबाद से जिस प्रत्याशी आशा मौर्या को टिकट मिला है, उनका भी टिकट इस बार फाइनल माना जा रहा था।
विधायक जी...बधाई हो-
पार्टी की ओर से चारों मौजूदा विधायक और महमूदाबाद की पूर्व प्रत्याशी को दोबारा से टिकट मिलने की सूची सामने आते ही बधाइयों, शुभकामनाओं का दौर शुरू हो गया। शुभचिंतक, समर्थकों से लेकर काफी संख्या में लोगों ने फोन करके बधाई दी। विधायकों को देर रात तक बधाइयां मिलती रहीं। यह सिलसिला अब कई दिनों तक चलेगा।