कहते हैं कि मिशन शक्ति चला कर सूबे के मुखिया और पुलिस महकमे ने नारी सुरक्षा को बढ़ावा देने के साथ साथ महिलाओं में जागरूकता भी पैदा की है। लेकिन कभी कभी वर्दी पहने जिम्मेदार अपनी वर्दी संग ऐसे कृत्य करते हैं कि आम नागरिक का पुलिस से भरोसा तो कम होता ही है साथ ही पुलिस का सम्मान और इकबाल भी समाज मे कमजोर हो जाता है। महमूदाबाद कोतवाली में तैनात दो आरक्षी इस समय कस्बे के लोगों की चर्चा का विषय बने हुए हैं , कारण क्या है ?
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महमूदाबाद कोतवाली में तैनात दो आरक्षी कस्बे में ही कमरे को किराए पर लेकर रुकते हैं , दोनों आरक्षियों के बारे में कस्बे के लोगों में चर्चा यह है कि यह दोनों आरक्षी आशिकी में इस कदर खोए हैं कि इन्हें न तो विभाग की किरकिरी की चिंता है और न ही ही विभाग के हाकिमों का डर। आशिक मिजाज इन आरक्षियों में से एक आरक्षी तो खुलेआम अपनी प्रेमिका जो कि एक डिग्री कालेज की छात्रा है को लेकर रेस्टोरेंट और ढाबे पर भी बेझिझक पहुंच जाता है । वहीं कॉलेज छोड़ने और लेने के लिए भी वर्दीधारी महाशय को देखने की चर्चा भी आम है। कस्बे में व्यक्तिगत तौर पर कमरा लेकर रुक रहे इन आरक्षियों के कमरे पर रात भर इनकी प्रेमिकाओं के रुकने ,आपस में बीच राह बहस करने जैसे कई वाक्ये तो लोगों की जुबान पर हैं। विभाग के जिम्मेदार शायद अब तक इन चर्चाओं से दूर हैं , लेकिन लगातार इन आरक्षियों की खुद की इच्छाओं के चलते महकमे पर सवाल उठ रहे हैं।