मंदिर-मस्जिद विवाद के क्रम में अब लखनऊ का नाम भी जुड़ गया है। हिन्दू महासभा ने टीले वाली मस्जिद के लक्ष्मण टीला होने का दावा किया है। कोर्ट में डाली याचिका। क्या है पूरा मामला? देखें -
लखनऊ की टीले वाली मस्जिद ( Teele Wali Masjid in Lucknow ) पर जुमे की नमाज़ में बड़ी संख्या में मुसलमानों को बुलाया गया है. इससे जुड़ा एक पोस्टर भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. पोस्टर के अनुसार सभी लोगों को दोपहर 1 बजे बुलाया गया है. वहीं, इसको लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा ने आपत्ति जताई है. महासभा का कहना है कि वहां का मौलाना भारी भीड़ एकत्रित करके उपद्रव फैलाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. पिछले कई दिनों से टीले वाली मस्जिद को लेकर अखिल भारत हिन्दू महासभा ने इसे मुक्त कराने की मुहीम शुरू की है.
महासभा के राष्ट्रिय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी का कहना मौलाना ने लक्ष्मण टीला को टीलेवाली मस्जिद नाम दिया है. अखिल भारत हिन्दू महासभा की मांग सरकार व लखनऊ जिला प्रशासन मौलाना पर करे सख्त कार्रवाई व इनकी पुरानी हिस्ट्रीशीट खोली जाए. आपको बता दें कि इससे पहले राजस्थान के अजमेर में भी ऐसा ही मामला सामने आया था. जहां अजमेर स्थित हजरत ख्वाजा गरीब दरगाह को महाराणा प्रताप सेना ने मंदिर होने का दावा किया है. यही नहीं महाराणा प्रताप सेना ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और केंद्र सरकार को भी पत्र लिख कर इस मामले में जांच की मांग की है.
महराणा प्रताप सेना के पदाधिकारियों ने इससे जुड़ी एक तस्वीर भी भेजी है. तस्वीर में अजमेर दरगाह की खिड़कियों पर स्वस्तिक के निशान बने नजर आ रहे हैं. सेना के फाउंडर राजवर्धन सिंह परमार का दावा है कि अजमेर स्थित हजरत ख़्वाजा गरीब नवाज दरगाह एक शिव मंदिर था जिसे दरगाह बना दिया गया. टीले वाली मस्जिद और लक्ष्मण टीले के बीच के विवाद के मामले की सुनवाई आज सिविल कोर्ट में है और इसी बीच एक पोस्ट वायरल हो रहा है जिसमें कहा गया है कि लक्ष्मण टीले पर 1:00 बजे बड़ी संख्या में नमाजी पहुंचे जिसको देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी टीले वाली मस्जिद के सामने तैनात कर दिए गए हैं. हालांकि अभी इस पर ना ही कोई पुलिस अधिकारी और ना ही मस्जिद की इंतजाम या कमेटी कुछ बोलने को तैयार है लेकिन हिंदू पक्ष का दावा है कि मुस्लिम पक्ष की तरफ से माहौल बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है.