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Sitapur : SDM Divya Ojha दिखी एक्शन मोड़ में , सेंटर प्रभारियों को मिली फटकार

 

Report By -Deepak Gupta


केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों की आय दो गुनी करने के दावा करने के साथ साथ खुद को मंचों से किसानों का हितैषी भी बताती है। वहीं प्रदेश में किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य तक नही मिल पा रहा है। सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य का तो जिम्मेदार मजाक बनवा रहे हैं। धान खरीद कर रहे क्रय केंद्रों पर बड़े घालमेल के साथ व्यापारियों को फायदा पहुंचाया जा रहा है। वहीं किसान का धान महीनों ट्राली में भरा क्रय केंद्रों के बाहर खड़ा रहता है और फिर भी क्रय केंद्रों पर 500 कुंटल से भी अधिक खरीद हर दिन हो जाती है। किसानों और मजदूरों से जुड़ी छह सूत्रीय शिकायतों का ज्ञापन लेकर बुधवार को राष्ट्रीय किसान मजदूर संग़ठन के कार्यकता तहसील मुख्यालय पहुंचे। जहां किसानों की समस्याओं को लेकर उपजिलाधिकारी को अवगत कराया , साथ ही समस्याओं के निस्तारण न होने पर आगामी 23 तारीख को तहसील परिसर में धरना देने की बात भी कही।

किसान मजदूर संगठन की शिकायत पर बिफरी उपजिलाधिकारी-

राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं की शिकायत पर नाराज एसडीएम दिव्या ओझा ने नवीन गल्ला मंडी महमूदाबाद और क्षेत्र में संचालित सभी धान क्रय केंद्र के प्रभारियों और मंडी सचिव को बुधवार की शाम तहसील आने का आदेश जारी कर दिया। वहीं सभी केंद्र प्रभारियों संग किसान मजदूर संगठन के कार्यकर्ताओं को भी शाम को बुलाया। शाम करीब 6 बजे उपजिलाधिकारी दिव्या ओझा तहसील में बने सभागार पहुंची जहां सभी केंद्र प्रभारियों , किसान मजदूर संग़ठन के कार्यकर्ताओं और जिम्मेदार लेखपालों संग एक संयुक्त बैठक की। बैठक के दौरान किसानों की समस्याओं को लेकर गम्भीर एसडीएम दिव्या ओझा ने क्रय केंद्र प्रभारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए पारदर्शिता के साथ धान की तौल करने की बात कही। एसडीएम और क्रय केंद्र प्रभारियों के सामने ही किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने धान तौल में हो रहे गोलमाल की पोल खोल दी , किसान संग़ठन के कार्यकर्ता शिवकुमार ने कहा कि - 

" नवीन गल्ला मंडी में संचालित 6 क्रय केंद्रों पर 100 ट्रालियां खड़ी हैं तो हर दिन के हिसाब से प्रति क्रय केंद्र पर तीन ट्रालियां भी अगर तौली जाती तो एक हफ्ते में 100 ट्रालियां तौल जाती लेकिन ट्रालियां जस की तस क्रय केंद्रों के बाहर खड़ी रहती हैं और क्रय केंद्रों पर हर दिन 500 कुंटल से अधिक धान कागजों पर खरीद लिया जाता है।"


किसानों की बात सुनकर एसडीएम ने नाराजगी जताते हुए सेंटर प्रभारियों को निर्देश दिए कि कागजों पर हो रही खरीद न होकर मौका तौला जाए , छोटे किसानों को वरियता दी जाए , साथ ही जिन क्रय केंद्रों पर बोरे नहीं है वो अपनी जिम्मेदारी तय कर लें। इस बैठक के दौरान उपजिलाधिकारी के आदेश के बाद भी कोई भी प्रभारी अपना क्रय रजिस्टर लेकर नही पहुंचा तो उपजिलाधिकारी ने क्रय रजिस्टर सम्बन्धी निर्देश दिए।

लोगों में चर्चा का विषय बनी बैठक-

क्षेत्र के लोगों में चर्चा है कि एसडीएम दिव्या ओझा की ईमानदारी के चलते क्रय केंद्र प्रभारी और मंडी के जिम्मेदार भी इस बार घबरा रहे हैं। मीटिंग के बाद किसानों के बीच हो रही बातचीत में कुछ लोग चर्चा कर रहे थे कि उपजिलाधिकारी अगर एक्शन मोड़ में आकर ताबड़ तोड़ जांच करेंगी तो सभी सेंटर प्रभारियों पर कार्यवाही होना तय है। शासन और सरकार के निर्देशों को धता बता कर जिस तरह से हर दिन क्रय केंद्रों पर बड़ा खेल हो रहा है उसे उपजिलाधिकारी कैसे जांचेंगी यह तो भविष्य के गर्त में छिपा है।

बैठक के बाद मंडी सचिव ने जारी की गाईड लाइन-

बैठक समाप्त होने के करीब एक घण्टे बाद मंडी सचिव ने क्रय केंद्र प्रभारियों के बने व्हाट्सएप ग्रुप में चार निर्देश भेजे और उनके अनुपालन की बात भी लिखी। मंडी सचिव रवींद्र कुमार ने लिखा कि कोई भी केंद्र प्रभारी धान क्रय नए बोरे में नहीं करेगा , बटाईदार किसानों से बिना एग्रीमेंट के खरीद नहीं करेगा , बटाईदार और किसानों के बीच हुए एग्रीमेंट पर क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा काउंटर साइन किया जाएगा और पूर्व में क्रय किए गए किसी भी बटाईदार किसान का एग्रीमेंट तत्काल अभिलेख बद्ध कर लिया जाए जिसका शत-प्रतिशत सत्यापन प्रमुख सचिव महोदया के निर्देश के क्रम में कराया जाएगा।

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